ISRO ने कहा कि Chandrayaan-3 ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव में सल्फर के निशान का पता लगाया है

Chandrayaan 3: यह पहली बार है जब चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) ने पृथ्वी के एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह में सल्फर की मौजूदगी की पुष्टि की है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने मंगलवार को कहा कि चंद्रयान-3 रोवर प्रज्ञान के लेजर-प्रेरित ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोपी (LIBS) उपकरण ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र से डेटा एकत्र किया।

इसरो ने कहा कि इन-सीटू मापन ने “स्पष्ट रूप से” क्षेत्र में सल्फर की उपस्थिति की पुष्टि की है। ऑर्बिटर पर किसी भी उपकरण का उपयोग करना संभव नहीं था। एलआईबीएस के जरिए प्रज्ञान को चंद्रमा पर सल्फर समेत कई खनिजों के निशान मिले।

अंतरिक्ष अनुसंधान एजेंसी ने यह भी कहा कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव में सल्फर के अलावा एल्यूमीनियम, कैल्शियम, लोहा, क्रोमियम, टाइटेनियम, मैंगनीज, सिलिकॉन, ऑक्सीजन भी पाए गए हैं। हाइड्रोजन की खोज जारी है

इसरो के शुरुआती बयान में कहा गया है, “चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की सतह पर एल्युमीनियम (Al), सल्फर (S), कैल्शियम (Ca), आयरन (Fe), क्रोमियम (Cr) और टाइटेनियम (Ti) की मौजूदगी का खुलासा किया है।” रेखांकन विश्लेषण.. इसके अलावा, मैंगनीज (एमएन), सिलिकॉन (सी), और ऑक्सीजन (ओ) की उपस्थिति भी प्रमाणित है। हाइड्रोजन की मौजूदगी की गहन जांच चल रही है।”

बता दें कि भारत के चंद्रयान-3 लैंडर विक्रम ने 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की थी। यह उपलब्धि हासिल करने वाला भारत दुनिया का पहला देश है। उतरने के कुछ घंटों बाद दरवाजा खोलकर प्रज्ञान विक्रम के पेट से बाहर आ गया।

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