चीन की चिंता! भारत 13,000 फीट की ऊंचाई पर निर्माणाधीन दुनिया की सबसे लंबी “Twin Tunnel” पर कड़ी नजर रखेगा

Arunachal Pradesh: हाल ही में चीन (China) की नजर अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) पर है। इतना ही नहीं, चीन ने नक्शे में अरुणाचल को “दक्षिण तिब्बत” बताते हुए इस क्षेत्र को अपना क्षेत्र बताया है। ऐसे में उस नक्शे को लेकर विवाद के बीच अरुणाचल में सेला सुरंग का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। सबसे विशेष रूप से, (Border Roads Organisation, BRO) अरुणाचल प्रदेश में 13,000 फीट की ऊंचाई पर दुनिया की सबसे लंबी “Twin Tunnel” के निर्माण के लिए जिम्मेदार है।

ऐसे में अनुमान है कि अरुणाचल के सेला में इस अहम सुरंग के बन जाने के बाद तवांग के सीमावर्ती इलाके में सैनिकों और युद्ध उपकरणों की तैनाती की जा सकेगी। सेना की ओर से पहले ही जानकारी दी जा चुकी है कि सेला की यह जुड़वां सुरंग इस महीने यानी सितंबर के अंत तक पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगी। इसके अलावा, BRO के अधिकारियों ने बताया कि हाल के दिनों में भारी बारिश और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण सेला सुरंग के काम को बार-बार असफलताओं का सामना करना पड़ा है।

Arunachal Pradesh:

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जिसके कारण इस सुरंग के पूरा होने में देरी हुई है। हालांकि, सेना के इंजीनियरों ने जानकारी दी है कि मौजूदा स्थिति के अनुसार, सुरंग चार सप्ताह के भीतर पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगी। इसके बाद रक्षा मंत्रालय की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुरंग का उद्घाटन करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।

असल में इस सुरंग को सर्दी शुरू होने से पहले ख़त्म करना बहुत ज़रूरी था। परिणामस्वरूप, सर्दियों के दौरान 14,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित तवांग तक सैन्य बलों की आवाजाही में अब कोई समस्या नहीं होगी। इस बीच, क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण सुरंग का उद्घाटन अगले सप्ताह किया जाएगा। 500 मीटर लंबी सुरंग को नेचिफू कहा जाता है। इस बीच पता चला है कि सेला प्रोजेक्ट की सुरंग नंबर 1 की लंबाई 980 मीटर और दूसरी सुरंग 1,555 मीटर लंबी है। और यह दूसरी सुरंग है “ट्विन ट्यूब टनल”। मूल रूप से, ये सुरंगें सेला के पश्चिमी हिस्से से दो पर्वत श्रृंखलाओं के माध्यम से निकली थीं। इसके अलावा, परियोजना में दो सड़कें भी हैं।

इस संदर्भ में बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में सेला टनल की आधारशिला रखी थी। ऐसे में यह सुरंग बालीपारा से चारदुआर होते हुए तवांग तक सड़क परियोजना का हिस्सा बनने जा रही है। शुरुआत में सुरंग के निर्माण के लिए 700 करोड़ रुपये आवंटित किये गये थे। साथ ही, एक बार जब यह सुरंग पूरी हो जाएगी तो यह संबंधित क्षेत्र की सुरक्षा के लिए एक बड़ा कदम होगा।

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