Indian Space Research Organisation: चंद्रयान 3 (Chandrayaan 3) कल चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतर गया। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी की इस सफलता से पूरा देश खुश है। चंद्रयान को लेकर हर कोई जश्न मना रहा है। इस संबंध में इसरो (Indian Space Research Organisation) प्रमुख एस।सोमनाथ ने कहा कि Aditya L1 मिशन अगले महीने के पहले सप्ताह में लॉन्च किया जा सकता है।
यह मिशन मुख्य रूप से सूर्य के बारे में अधिक विस्तृत जानकारी के लिए होगा यानी इसरो का सूर्य मिशन शुरू होने वाला है और कुछ दिनों बाद। चंद्रयान के तैयार होते ही इसरो के वैज्ञानिक एक बार फिर काम में जुट जाएंगे। इसके साथ ही एस सोमनाथ ने कहा, आदित्य एल1 मिशन सितंबर के पहले हफ्ते में शुरू हो सकता है। यानी इस मिशन के लिए अब कुछ ही दिन बचे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, इस सैटेलाइट को बेंगलुरु के यूआर राव सैटेलाइट सेंटर में विकसित किया गया है। कल शाम चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर विक्रम की लैंडिंग के बाद एस सोमनाथ ने कहा, ”चंद्रयान को लेकर पिछले कुछ महीनों से पूरी दुनिया का ध्यान हम पर है। Chandrayaan 3 मिशन लेकिन इस बीच हमने कई प्रमुख परियोजनाओं पर काम करना जारी रखा है। इसरो अगले कुछ महीनों में उन परियोजनाओं को शुरू करेगा।
आदित्य एल1 अंतरिक्ष में यात्रा करेगा और सूर्य के बारे में विभिन्न जानकारियां वैज्ञानिकों को भेजेगा। महत्व यह पहली बार है जब इसरो सूर्य के बारे में जानकारी के लिए कोई कृत्रिम उपग्रह अंतरिक्ष में भेजने जा रहा है। आदित्य एल1 उपग्रह पहले ही आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र पहुंच चुका है। चंद्र अभियान की सफलता के बाद अब इसरो वैज्ञानिकों के पास सूर्य अभियान पर विहंगम दृष्टि है।
वैज्ञानिक इस आदित्य उपग्रह को ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान या पीएसएलवी रॉकेट की मदद से अंतरिक्ष में भेजेंगे। इस उपग्रह को 5 सूर्य-पृथ्वी प्रणाली हेलो कक्षा के लैग्रेंज पॉइंट 1 पर भेजा जाएगा। इस जगह की पृथ्वी से दूरी 15 लाख किमी है। वैज्ञानिकों का कहना है कि उपग्रह यहां से सूर्य के बारे में विभिन्न जानकारियां एकत्र करेगा।
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